Friday, May 3, 2024

hi

मुझे आजकल ,
कुछ अच्छा नही लगता ,
कुछ नए दोस्त हैं वैसे ,
पुराने जैसा नही लगता ।

टपरी की चाय,
नसीब नही,
कैफे की चाय का माहौल,
 अच्छा नहीं रहता ।

नए दोस्त पैसों की,
 शबाब में है शायद ,
आईफोन व्हाट्सएप का याराना,
 अच्छा नही लगता ।

मुझे जमीन में,
 बैठना पसंद है,
आकाश के तारें गिनना, 
भी पसंद है,
ये पीवीआर इंस्टा वाला, जमाना अच्छा नहीं लगता।


कुछ दोस्त रिश्ते बनाते है , हैसियत देखकर
मुझे बड़ी कारों वालों से दोस्ती करना ,
अच्छा नही लगता,
किसी नदी के किनारे,
कहीं शाम तक बैठ,
दोस्तों के ठहाकों के साथ,
नजारा दूर तक देखें,
ये गांव ये पुराने मकान, 
आज भी सुख के वो, यादगार पल देता है ,
जो शहर का बंगला बड़ी कोठी नही देता ।

श्री 

Sunday, April 14, 2024

जिंदगी

आजकल जिंदगी भी 
आजकल जिंदगी भी जिंदगी से ,

Tuesday, December 12, 2023

कोई अपना अजनबी सा बन गया । 
मुकद्दर नसीब का फकीर बन गया । 
बिगड़ते रिश्तों का फलसफा लिए 
दूरियां यूं तस्वीर बन गया । 

हिफाजत करते हो 

Monday, September 25, 2023

दिल

तुम किसी से बात मत किया करो ,
यू मेरे जज़्बात चार चार न किया करो 
हमसफर हैं हम तुम , जन्म जन्म के ,
यू जन्मों के रिश्ते तार तार न किया करो

आज भी पहेली हो तुम ,
किसी के साथ का भूत हो ,
मेरा वर्तमान और भविष्य,
का ज्योतिष काल 
अंधकार न किया करो ।

आजकल हाथ भारी है ,
खून में उबाल भी है ,
किसी की खोज में खुद को
शर्मशार न किया करो 💪🏻

 बहुत हैं मेरे भी,
चाहने वालों  की फेहरिस्त,
तुम उकसा के अपना,
 बवाल न किया करो ।

मैं समस्या और समाधान साथ रखता हूं ,
तुम्हारा अधूरा भविष्य साथ रखता हूं 
नव ग्रह को कहां विचरना है मुझे आता है ,
तुम यूं ही अपना काल न बदला करो।

Tuesday, July 25, 2023

शब्द बोध

भावनाओं को दस्तक देता 
सूर्य पहरा दे रहा 
डूबते सूर्य का आशीष लिए 
ठिठुरती शीत का आँचल लिए 
फिर मौन शब्दों से 
परिभाषित वाचाल खड़े 

बस अपने कदमों को 
फिर बढ़ाते 
कुछ कबीर कुछ मीरा बन 
कुछ रति के रस गीत सुनाते
मन के वियोग में नूपुरीत धुन 
ऋतू सा सृजन अपूरक 
अनंत हृदय का वाचाल भाव  

कुछ धुन विस्तारित 
जीवनतरंग 
जीवन विधुता सी धारा में 
नव ओज की अंतिम ओस 
परिभाषित करते शब्द मौन 
मौन भाव वाचाल स्वर 

मन का वेग मन से विराम 
फिर भी अधिकार
जताता है ,
तेरी हृदय तरंग वेग
प्रलाप क्रोध उत्साह प्रताप
का पल पल बीजक प्रखर हूं 

तुम कश्ती की सवारी नहीं 
हम जन्म आजन्म संगिनी हो ,
किसी मर्यादा का बोध हुआ 
कब स्वप्न बोध , विराम हुआ 
अब बचा हुआ तनमन
हर पल जीवन तुमसे है 

अब आशक्त नही वरदान तुम्ही 
तुम गीत नही तुम शब्द हो 
मेरी जीवन का करुण स्वर 
तुम हो स्वप्न तुम ही यश हो ।
तुम अल्प नही हो पूर्ण विराम 
तुम बिन न होता एक काम 










Thursday, March 23, 2023

आजकल

किस्से आजतक कहानी कल तक,
जिंदगी जिएं भी तो कैसे,
रात आज तक दिन कल तक,
साथ रहें भी तो कैसे ।

वादे आंखों से , रिश्ते दिल तक
निभाएं भी तो कैसे ,
दूरी दुनिया की , नजदीकी दिल तक
पास आएं भी तो कैसे ।

दो धागे उलझे गाठों से,
साथ माला पिरोएं भी तो कैसे
अपने अपने जीवन के सफर
मिल के साथ जीएं भी तो कैसे ।

Friday, February 24, 2023

कुछ अपने

अप्रैल 19, 2019 एक नई शुरुवात, हालांकि एक बिजनेस फैमिली होने के कारण हम इस रास्ते पर पहले भी चल चुके थे । लेकिन व्यापार भी तो नया था।  जिसमे हमारा अनुभव नया रहा । खैर ऊपर वाले सभी गुरुजनों , बड़े व्यापारियों का शुक्रिया, जिन्होंने हर कदम पर हमारा सहयोग किया। कभी ग्राहकों की डांट ने नई राह दिखलाई , तो कभी आगे बढ़ने का हौसला दिलाया ।  वैसे राह आसान नहीं थी । कुछ मां,पापा , छोटे भाई ने, तो कुछ अपनो ने हौसला दिया।  सीखने की राह कभी न छोड़ने का जज्बा नए शिखर की ओर ले आया ।
दिनों दिन इनफिनिटी मेंस & किड्स सरकंडा बिलासपुर आप सभी  शहरवासियों के जिंदगी का एक हिस्सा बन कर उभरा । जिनके लिए सभी दोस्तों एवम हौसला बढ़ाने वाले सभी ग्राहकों का तहे दिल से शुक्रिया ! आज हम अपनी सेवाओं के पांचवे वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं । आशा है  , आपका सहयोग एवम सुझाव आगे भी इसी तरह मिलता रहेगा । 

आपकी अपनी संस्थान
इनफिनिटी मेंस एंड किड्स वियर
खमतराई रोड सरकंडा बिलासपुर