Saturday, February 19, 2022

फगुनिया

का बताएं के दुनिया 
कैसी चली तेरे बिन रे फगुनिया ......

सांझ दुवारे की बिजली 
हा तरसत हैं ,
देखत रद्दा 
संग नयन भटकत है ।
कोयल के कुहू ले मिठ्ठ 
तोर बोली के गीत 
गुनगुनावत हो ।


का बताएं के दुनिया .....


Saturday, February 5, 2022

आईना

ख्वाब की परी 


यूँ ही हम अक्सर ,

एक ख्वाब से ,

मंजिल की तलाश में 

एक नाव से 



अधूरे अधूरे अहसास से 

अधूरे अधूरे कहानीकार से 

एक मंच दो कलाकार से 

कहानी के अलग किरदार से 



थकान में , जरूरत में 

पास पास से ,

उजियारी अंधियारी दुनिया में 

साथ साथ से 


नदी में किनारों में 

साथ साथ से 

एक दुआ एक अहसास में 

साथ साथ से