Tuesday, March 22, 2016

Holi#24

ये रंगों का त्यौहार है,
रंगों का अभिवाद है।।
होलिका सी जलती जन पर,
प्रहलाद का प्रहार है ।।

ग्रीष्म चकोर के,
चंचल मन में,
वसंत का ,
अहसास कराती ।।

पुष्पों रंगों की अंगड़ाई ,
मानवता के सुंदर तन पर ,
अमृत का ,
अहसास करती।।

जीवन मधुता में ,
अमृत से रिश्तों में ,
रंगों से सुख दुःख ,
के कटु अमृत ,
जीवन का,
गंगा जल पिलाती ।।

विलाप में रंगों की काया ,
भंगीऎ की मनमाद मस्ती,
नगाड़े के नटखट शोरों,
निर्जल आंसू दूर कराती ।।

आमिर गरीब के
काफिर मन में,
मदभेदों के काँटों पे,
रंगों से मदभेद मिटाती ।।

काश की होली ,
रोज ही खेलें ,
कृष्णा की बंसी ,
मधुर सुरों में ।।

जीवन की अविरल ,
धारा में ,
सुकून से,
मदमात भाव से ,
कान्हा जीवन से,
कुछ रंग जी लें ।।

होली की शुभकामनाएँ ।।
श्री

Thursday, March 3, 2016

इंतजा #शेर

आज फक्र है उन्होंने हमसे बात की
जिनकी इबादत करते थे रोज
उसने मुस्कुरा कर बात की
तकदीर सिमट गयी आँखों में
जब नजरों से अरदास हुई ।।

गुजर जाएगा ये वक्त भी,
अँधेरे का इन्तजार मत कर ।।
गम बहुत हैं दुनिया में ,
मरने का इन्तजार मत कर ।।

इंतहा#31

आज कुछ देर यूँ लगा,
मानो तुम फिरसे,
उन्ही आँखों से,
निहारती हो,

अंगड़ाईयां मानो,
थपकी देकर जगाती है,
और तुम सपनों से,
ऒझ्ल हो जाती हो,
क्या पता शायद,
मै हूँ या वहम।।

फिर भी न जाने क्यों,
हर दस्तक पे,
दिल कचोटता है,
तेरे न होने पे,
हर बार रोता है,

मायूस हूँ थोडा,
बेबसी साथ रखता हूँ,
जेबकतरे बहुत है,
बाज़ारों  में,
तुम्हे दिल में,
सहेजे रखता हूँ।

जिंदगी का क्या भरोसा,
जाने कब तक साथ,
दिल में आज भी,
तेरी तस्वीर रखता हूँ।

"श्री"