कैसे जीये तेरे बगैर
तू बन्दगी, तू जिन्दगी
तू प्यार भी, तू हार भी ||
कभी करुणा में, कभी गीत में,
कभी कस्तियो के संगीत में ||
कैसे जीये तेरे बगैर..............
कैसे जीये तेरे बगैर..............
कभी पीडा में, कभी पूजा में,
कभी श्रद्धा रुपी पुष्पो में ||
कभी आहटो कि चिलम में,
कभी शान्त यौवन फ़लक् में ||
कैसे जीये तेरे बगैर..............
श्रीकुमार गुप्ता