कभी अपने दिल से पूछो ,
मै तो बस फ़र्ज़ के राह पे मायूस रहा ।
यूँ तो अफसाने कहे हमने बड़ी फुरसत से ,
मै बड़ी तेज समीरों के संग बहता चला ।
वो मेरी रंगियत पे सवाल करे ,
मै बस कारवाँ माझी कि लय बढ़ता ही चला ।
कभी अफ़सोस जता जिंदगी कि लव पे ,
एक आशियान महलों का बुनता हि चला ।
गमों के साथ है दोस्ती बड़ी गहरी ऐ सफ़र,
काटों सँग फूलों के रँग रचता ही चला ।
मन्नतों से संजोया था अरमान ऐ सफ़र,
बडी राह तक आशा के दिये जलाता चला।
तेज़ थी धार ऐ दिशा तूफान कि,
मै बस अपने सपनों के लिए लड़ता ही चला ।
मै तो बस फ़र्ज़ के राह पे मायूस रहा ।
यूँ तो अफसाने कहे हमने बड़ी फुरसत से ,
मै बड़ी तेज समीरों के संग बहता चला ।
वो मेरी रंगियत पे सवाल करे ,
मै बस कारवाँ माझी कि लय बढ़ता ही चला ।
कभी अफ़सोस जता जिंदगी कि लव पे ,
एक आशियान महलों का बुनता हि चला ।
गमों के साथ है दोस्ती बड़ी गहरी ऐ सफ़र,
काटों सँग फूलों के रँग रचता ही चला ।
मन्नतों से संजोया था अरमान ऐ सफ़र,
बडी राह तक आशा के दिये जलाता चला।
तेज़ थी धार ऐ दिशा तूफान कि,
मै बस अपने सपनों के लिए लड़ता ही चला ।
"श्री"