Wednesday, November 1, 2017

जय छत्तीसगढ़

मैं छत्तीसगढ़ हूँ,
कुछ खास नही ,
पर सबके,
दिल के पास हूँ ।

छोटा हूँ, पर
शक्ति रखता हूँ ।
शबरी के बेरों सी,
भक्ति रखता हूँ ।
धान का कटोरा,
हृदय लक्ष्मी रखता हूँ ।

पृथ्वी के सात चक्कर,
सा इस्पात लेकर
कोयला ,टिन, हीरा
अंतरण में रखकर
स्वाभिमान से
सादा जीवन जीकर
देश समृद्धि में
हिस्सेदार बनता हूँ।।

खून पसीना एक कर,
विश्व की धुरी में,
मेहनत मजदूर से,
अभियंता ,डॉक्टर,
वैज्ञानिक की,
विशिष्ट विद्या,
सहेजे रखता हूँ ।

श्री