कभी सपनों का महल ,तो कभी आंसुओं की फरियाद है |
कभी रेत की ढेर सी खामोश ,तो कभी पेड की छाँव है ये जिंदगी ||
कभी गीता की पाठ ,तो कभी कुरान की आयात है |
एक कारवाँ सपनों का बागबाँ ,तो कभी माझी
की नैया और पतवार है ये जिंदगी ||
कभी काँटों का दामन , कभी जश्ने बहार है|
शांति की वीणा ,तो कभी लहू की ललकार एक आवाज़ है ये जिंदगी ||
कभी ममता की छाँव कहीं ,तो कभी करुणा की तस्वीर है |
आने वाले जीवन की, अनुभवों की गीत है ये जिंदगी ||
-श्रीकुमार गुप्ता
तुमसे कहीं दूर चला जाऊं,
मेरी यादें साथ रखना ।।
तेरी महफ़िल में न मिलूं ,
मेरी मुलाकातें याद रखना ||
तू मेरी अमानत है ,
मेरी हर ख़ुशी तेरा आइना है ||
जब खुद को निहारो शीशे में ,
मेरी निगाहें याद रखना ||