कुछ दोस्त
वक़्त के होते है
कुछ दोस्त
नाम के होते हैं
तुम सुख के बादल,
बन के गरजो,
वो रिमझिम बारिश से,
होते हैं ,
जब दुख की गर्मी,
आती है
ये नागफनी से ,
चुभते है ।।
गिरगिट की भक्ति
आंखों में
परमविलाप
ज्वाला में
भ्रमित वेदना
करते हैं ।
नवरत्न समझो न उन्हें
वो काँच हृदय के प्याले है
तुम्हारा लहू पी लेंगे पर
तुम्हे न कभी सम्हालेंगे ।।
"श्री"