"काश कहीं तुम मिल ....."
टूट गये वो कसमें साकी ,
छुट गये वो रिस्ते साकी |
क्रुन्दन की एक नंत स्वप्न में ,
डूब गया वो जीवन साकी |
झोकें से कर करुण वंदना ,
सेज सकून कर जीवन साकी |
जाने कैसे रक्त नीर से ,
खेल रहा हो जीवन साकी |
तेज राह पर थामे श्रृष्टि ,
क्यों करती वो विचलित साकी |
गलियारों की एक छोर पर ,
जाने क्यों है दृष्टि साकी |
आसमान की थामे बाहें ,
क्यों है आँखे क्रोसित साकी |
गलियारों की एक छोर पर ,
ReplyDeleteजाने क्यों है दृष्टि साकी |
Kabhi na khatm honewale intezaar kee ghadiyan!
शायद उससे यह भी कहता होगा..
ReplyDeleteऐसा तो मत कर तूं साकी,
जीवन अभी बहुत है बाकि ....
खूबसूरत अभिव्यक्ति
ReplyDeletewaah....!
ReplyDeletekhubsurat rachna....
ReplyDeleteyun hi likhte rahein
mere blog par...
तुम आओ तो चिराग रौशन हों.......
regards
http://i555.blogspot.com/
बहुत अच्छा लिखा है ... हिन्दी में लिखे कुछ शेर बहुत कमाल के हैं ....
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