बनना था मोती मुझको ,
एक सीप कभी न बन पाया ||
वो रक्तिम सी पर नीर सही,
पर रक्त कभी न बन पाया ||
बनना था मोती मुझको.....
एक ज्वाला सी ये दुनिया है |
मै आग कभी न बन पाया ||
बनना था मोती मुझको.....
"वो रक्तिम सी पर नीर सही,
ReplyDeleteपर रक्त कभी न बन पाया ||"
gehre bhaavo ka prastut karti panktiyaan,
bahut badhiya...
kunwar ji,
sunder rachana.
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