Friday, February 19, 2010

प्रस्तावना#10

जिंदगी.......


कभी सपनों का महल ,
तो कभी आंसुओं कि फरियाद है ।।
कभी रेत कि ढेर सी खामोश ,
तो कभी पेड़ कि छांव है ये जिंदगी ।।

कभी गीता कि पाठ ,
तो कभी कुरान कि आयात है।।
एक कारवाँ ,
सपनों का बागबाँ ,
तो कभी माघी कि नैया,
और पतवार है ये जिंदगी ।।


कभी काँटों का दामन ,
कभी जश्न ए बहार है ।।
शांति कि वीणा ,
तो कभी लहु कि ललकार,
एक आवाज़ है ये जिंदगी ।।


कभी ममता कि छांव ,
तो कभी करुणा कि तस्वीर है ।।
आने वाले जीवन कि ,
एक अनुभवों कि गीत है ये जिंदगी ।।

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