माँ तेरी ममता,
तेरी गोदी मेरा सर,
काश की दो पल,
माँ फिर से तुम लाओ।।
तेरी गोदी मेरा सर,
काश की दो पल,
माँ फिर से तुम लाओ।।
वो प्यारी लोरी,
वो हिंदी गीत,
सुनहरे सपने ,
माँ फिर से दिखाओ ।।
थक गया मै,
देर हुई बहुत,
वो मीठे आम,
माँ फिर से खिलाओ ।।
वो गुड्डी और गुड्डों,
की छोटी सी दुनिया,
वो छोटे से मंडप,
माँ फिर से सजाओ ।।
थोड़े से पैसों के,
वो हिंदी गीत,
सुनहरे सपने ,
माँ फिर से दिखाओ ।।
थक गया मै,
देर हुई बहुत,
वो मीठे आम,
माँ फिर से खिलाओ ।।
वो गुड्डी और गुड्डों,
की छोटी सी दुनिया,
वो छोटे से मंडप,
माँ फिर से सजाओ ।।
थोड़े से पैसों के,
ठेले की कुल्फी,
वो ग्लूकोस की बिस्कुट,
माँ फिर से खिलाओ ।।
आज गर्मी है बहुत,
आम का जूस,
वो ग्लूकोस की बिस्कुट,
माँ फिर से खिलाओ ।।
आज गर्मी है बहुत,
आम का जूस,
जल्दी लाओ,
वो मटकी से पानी,
माँ जल्दी पिलाओ ।।
आज गर्मी है,
अपने आंचल में,
वो हाथ का पंखा,
माँ जल्दी झुलाओ ।।
आज सर्दी है बहुत,
वो कान बंद,
उन के स्वेटर,
पैरों में मोज़े,
माँ फिर से पहनाओ,
माँ तेरी ममता ......
वो मटकी से पानी,
माँ जल्दी पिलाओ ।।
आज गर्मी है,
अपने आंचल में,
वो हाथ का पंखा,
माँ जल्दी झुलाओ ।।
आज सर्दी है बहुत,
वो कान बंद,
उन के स्वेटर,
पैरों में मोज़े,
माँ फिर से पहनाओ,
माँ तेरी ममता ......
माँ की ममता के कितने पहलू हैं ... सुन्दर भावपूर्ण रचना ...
ReplyDelete