कल तुम दूर हो जाओगी,
मेरे साथ बीते दिन भूल जाओगी।
जीवन का ये है दस्तूर,
हम हो जाएंगे दूर दूर,
जज्बात नही मानते,
अल्फ़ाज़ नही जानते,
आँसू नही रुकते,
दिल की धड़कन,
रुक जाएगी ।।
जब देखा वो मेहँदी के हाथ,
जिंदगी से रूठ गए,
मुकदमा सी थी,
कहानी ऐ जिंदगी,
मुजरिम भी हम हुए,
गवाह भी हम हुए।।
कल तुम........
चंद ख्वाब थी,
संग आंसुओं की बारात थी,
सपनो की वरमाला थी,
और मेरी मोहब्बत साथ थी ।।
कल तुम.....
दस्तूर जिंदगी है,
पर मुझे ख्वाब लगता है,
कुछ जज्बात मुझे,
अहसास लगता है,
थोड़ा महसूस करके देखना,
मेरा प्यार तुम्हे कैसा लगता है ।।
कल तुम.........