Monday, May 1, 2017

इन्तजार

लौट के आना,
इन्तजार होगा,
तकलीफ खुद की है,
जिगर के पार होगा ,
खुश नसीब हूँ मै ,
रोने की वजह तुम हो ,
कुछ कहना है ,
उस सत्य से ,
तुम बिन जीना ,
आज यलगार होगा,
अब दर्द हर साँस में ,
महसूस होगी ,
ये जीवन तुम बिन ,
प्यासा अहसास होगा ,
ये जीवन तुम बिन ,
बिन मिठास होगा ।।

मेरे प्यार को समझने में ,
उम्र गुजर जाएगी ,
थोड़ा आँसू रो लेना ,
एक झलक नजर जाओगी ।।

एक आहट से जाग जाता हूँ अक्सर ,
इतनी याद की अहसास होती हो ,
थोड़ा मजबूर थे अपनी जिंदगी से  ,
फिर भी अरमान ए जिंदगी तलाशा हमने ।।

वो सत्य है पर सत्य नही समझ पाया ,
तुम मेरी हो अहसास नही कर पाया,
दूर तक तलाशा हर बार ,
जब मिली तो रास्ते बदल गए ।।

मत बोलो आज ,
जी भर के रो लूँ ,
तुम चुप रहो ,
तकलीफ जिगर के ,
खोल लूँ ,
बुरा हूँ मै ,
उस सत्य की किताब में,
तुम ना मिली ,
ये तकलीफ ,
कैसे बोल दूँ ।।

रुक रही है साँसे ,
अब जीना भुल जाऊंगा ,
ये ही सबब है मोहब्बत ,
की तुझमें डूब जाऊंगा ।।

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