देश की शान है वो,
देश की आन है वो,
हँसकर रहता,
मुश्किल राह चुनता,
फितरत बदलती नही,
पर देश की किस्मत बदलता,
एक इंजिनियर है वो ।।
रात देर तक मस्ती करता,
दोपहर बिन खाए पूरी ड्यूटी करता,
सपने सजाता पेरिस के,
और खुली छत बिन पंखे सोता,
एक इंजिनियर है वो ।।
कठनाइयों से तो कठिन डगर थी,
50 final exam पास करने की सफर थी,
आखिरी नौकरी थी जो मिल गयी,
फिर भी अपनी हस्ती बनाता,
एक इंजिनियर है वो ।।
मिसाइल हो या कंप्यूटर प्रोग्राम,
ट्रेन हो चाहे मोबाइल ए पैगाम,
ऊँची इमारतें हो या स्पेस लेब,
आधी रात तक काम करता,
किस्मत की धुरी मिनटों में गिनता,
पूरी धरती के सपने सच करने चला,
एक इंजिनियर है वो ।।
सब कुछ खो कर भी खुश रहता, सब पाकर भी अपनो संग रहता। किसी मंजिल का मोहताज नही , बस सफर को अपना हमसफर समझता ।।
साला एक इंजीनियर है वो ।।
"श्री"
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