कभी यादों को खुशबू से
लपेट लेते हैं
मोहबब्त है तेरी
परछाई से भी
रिश्ता जोड़ लेते हैं
कुछ आँसू आज भी
डबडबाते हैं
निकलने को
है इतना प्यार आंखों
को तरसता
छोड़ देते हैं
जुनून है, कशिश है,
रिश्ता भी है शायद
इरादे, जिंदगी
ख्वाहिश, जमाना
छोड़ देते हैं ।
श्री
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