ये रंगों का त्यौहार है,
रंगों का अभिवाद है।।
होलिका सी जलती जन पर,
प्रहलाद का प्रहार है ।।
ग्रीष्म चकोर के,
चंचल मन में,
वसंत का ,
अहसास कराती ।।
पुष्पों रंगों की अंगड़ाई ,
मानवता के सुंदर तन पर ,
अमृत का ,
अहसास करती।।
जीवन मधुता में ,
अमृत से रिश्तों में ,
रंगों से सुख दुःख ,
के कटु अमृत ,
जीवन का,
गंगा जल पिलाती ।।
विलाप में रंगों की काया ,
भंगीऎ की मनमाद मस्ती,
नगाड़े के नटखट शोरों,
निर्जल आंसू दूर कराती ।।
आमिर गरीब के
काफिर मन में,
मदभेदों के काँटों पे,
रंगों से मदभेद मिटाती ।।
काश की होली ,
रोज ही खेलें ,
कृष्णा की बंसी ,
मधुर सुरों में ।।
जीवन की अविरल ,
धारा में ,
सुकून से,
मदमात भाव से ,
कान्हा जीवन से,
कुछ रंग जी लें ।।
होली की शुभकामनाएँ ।।
श्री
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