कभी सपनों का महल ,तो कभी आंसुओं की फरियाद है |
कभी रेत की ढेर सी खामोश ,तो कभी पेड की छाँव है ये जिंदगी ||
कभी गीता की पाठ ,तो कभी कुरान की आयात है |
एक कारवाँ सपनों का बागबाँ ,तो कभी माझी
की नैया और पतवार है ये जिंदगी ||
कभी काँटों का दामन , कभी जश्ने बहार है|
शांति की वीणा ,तो कभी लहू की ललकार एक आवाज़ है ये जिंदगी ||
कभी ममता की छाँव कहीं ,तो कभी करुणा की तस्वीर है |
आने वाले जीवन की, अनुभवों की गीत है ये जिंदगी ||
-श्रीकुमार गुप्ता
Thursday, March 3, 2016
इंतजा #शेर
आज फक्र है उन्होंने हमसे बात की
जिनकी इबादत करते थे रोज
उसने मुस्कुरा कर बात की
तकदीर सिमट गयी आँखों में
जब नजरों से अरदास हुई ।।
गुजर जाएगा ये वक्त भी,
अँधेरे का इन्तजार मत कर ।।
गम बहुत हैं दुनिया में ,
मरने का इन्तजार मत कर ।।
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