दोस्त तू ही था ...
मेरी तकलीफ में,
मेरी गरीबी में,
चिल्हर लिए,
चने की दूकान में,
फेल खड़े,
आखिरी बेंच में
दोस्त तू ही था ।।..
मेरे स्कूल में,
शहर की तकलीफ में,
भीगे आँखों में,
जब सब चले गये,
अपने मुह मोड़ लिए,
दोस्त तू ही था ।।
कालेज रैगिंग के दिन,
असहज आंसू में,
हंसी की ठिठोली में,
टपरी पे चाय पीते,
चिल्ल्हर से पेट्रोल लेते,
दोस्त तू ही था ।।
बैक में,
दुःख बाटने,
न घर वाले न रिश्तेदार
बस तू ही था
इंटरव्यू में फ़ैल होते,
छुपे आंसू पोछते ,
ठेले पे धुएं उड़ाते ,
मेरे गम में,
दोस्त तू ही था ।।
रात पढ़ते में,
दिन भर सोते में,
पोहे खाते,
गाड़ी में जाते,
जज्बात सहेजते,
तकलीफ बाँटते,
दोस्त तू ही था ।।
कॉलेज की,
तकलीफ में,
नौकरी की तलाश में,
किसी ख़ास की आस में
दोस्त तू ही था ।।
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