आप नही समझोगी,
थोड़ा मुश्किल है ,
किसी को टूट के चाहना,
क्या मुमकिन है,
जीने का कारण ,
पैसों का मोल नही ,
बस सुकून के पल 
और थोड़ी प्यारी बात ,
आप नही समझोगी।
शिद्दत का प्यार,
ईश्वर का दीदार,
मुमकिन नही,
पलों को समेटना,
तड़पना पड़ेगा,
बार बार,
आप नही समझोगी ।
हर बात पे 
आपकी याद 
और वो हँसती
मुस्कान 
दिल से निकली 
हर आवाज 
वो सुबह की 
प्यारी बात 
हर शाम मुलाकात
वो बहते आँसू 
वो फोन की घंटी 
आप नही समझोगी ।।
श्री
 
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