काश की हम इतना न बदले ।।
जरूरत के पल प्यार न भूलें ।।
कल वक़्त आएगा हम फिर मिलेंगे ।।
तुम और हम पुराना रिश्ता न भूलें ।।
शायद आज प्यार नया मिल गया ।।
कोई अपना नया मिल गया ।।
इस नए वक़्त में वो बिसरा लम्हा ।।
वो जज्बात न भूलें ।।
काश की हम ....
"श्री"
कभी सपनों का महल ,तो कभी आंसुओं की फरियाद है | कभी रेत की ढेर सी खामोश ,तो कभी पेड की छाँव है ये जिंदगी || कभी गीता की पाठ ,तो कभी कुरान की आयात है | एक कारवाँ सपनों का बागबाँ ,तो कभी माझी की नैया और पतवार है ये जिंदगी || कभी काँटों का दामन , कभी जश्ने बहार है| शांति की वीणा ,तो कभी लहू की ललकार एक आवाज़ है ये जिंदगी || कभी ममता की छाँव कहीं ,तो कभी करुणा की तस्वीर है | आने वाले जीवन की, अनुभवों की गीत है ये जिंदगी || -श्रीकुमार गुप्ता
Tuesday, October 23, 2018
तकलीफ
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