Saturday, February 19, 2022

फगुनिया

का बताएं के दुनिया 
कैसी चली तेरे बिन रे फगुनिया ......

सांझ दुवारे की बिजली 
हा तरसत हैं ,
देखत रद्दा 
संग नयन भटकत है ।
कोयल के कुहू ले मिठ्ठ 
तोर बोली के गीत 
गुनगुनावत हो ।


का बताएं के दुनिया .....


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