कभी सपनों का महल ,तो कभी आंसुओं की फरियाद है |
कभी रेत की ढेर सी खामोश ,तो कभी पेड की छाँव है ये जिंदगी ||
कभी गीता की पाठ ,तो कभी कुरान की आयात है |
एक कारवाँ सपनों का बागबाँ ,तो कभी माझी
की नैया और पतवार है ये जिंदगी ||
कभी काँटों का दामन , कभी जश्ने बहार है|
शांति की वीणा ,तो कभी लहू की ललकार एक आवाज़ है ये जिंदगी ||
कभी ममता की छाँव कहीं ,तो कभी करुणा की तस्वीर है |
आने वाले जीवन की, अनुभवों की गीत है ये जिंदगी ||
-श्रीकुमार गुप्ता
Monday, August 29, 2016
आदत
बंद होठों से जज्बात,
समझ जाते हैं ।।
शायर हैं इशारे,
समझ जाते हैं ।।
मोहब्ब्बत ही है,
हमेशा रहेगी ।।
तुम हमारे,
और हम तुम्हारे ।।
हर इरादे,
समझ जाते है ।।
प्रेम की इन्तहा है यह तो ... बहुत खूब ...
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