जिंदगी जिएं भी तो कैसे,
रात आज तक दिन कल तक,
साथ रहें भी तो कैसे ।
वादे आंखों से , रिश्ते दिल तक
निभाएं भी तो कैसे ,
दूरी दुनिया की , नजदीकी दिल तक
पास आएं भी तो कैसे ।
दो धागे उलझे गाठों से,
साथ माला पिरोएं भी तो कैसे
अपने अपने जीवन के सफर
मिल के साथ जीएं भी तो कैसे ।
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